रविवार 20 जुलाई 2025 - 16:00
सीरिया में नरसंहार; अमेरिका और इजरायल के नेतृत्व में हो रहा है

हौज़ा / लेबनानी सुन्नी आलिमे दीन शेख़ माहिर हमूद ने कहा है कि खूनी झड़पें, नरसंहार, हथियार और हमलों सहित जो कुछ भी इस समय सीरिया में हो रहा है वह अमेरिका और इजरायल के नेतृत्व में हुआ है और जारी भी है।

हौज़ा न्यूज़ एजेंसी के अनुसार , वैश्विक संघटन ऑफ रेज़िस्टेंस स्कॉलर्स के प्रमुख शेख माहिर हमूद ने अपने एक भाषण में कहा कि खूनी झड़पें, नरसंहार, हथियार, हमले, पीछे हटना, जनजातीय मुद्दे और अन्य घटनाएं जो आज सीरिया में घटित हो रही हैं, वह अमेरिका और इजरायल के नेतृत्व में हुई हैं और हो रही हैं। 

उन्होंने कहा कि यह हमारी उम्मत के सबसे बुरे दौर में से एक है जहां हकीकत खो गई है, मकसद बिखर गए हैं और हमारी उम्मत अल्लाह द्वारा निर्धारित उच्च विशेषताओं से लगातार दूर होती जा रही है। 

शेख़ हमूद ने आगे कहा कि संक्रमणकालीन सरकार जो अहमद अलशराई की अगुवाई में तुर्की, कतर और क्षेत्र के समझौते से अमेरिका की योजनाओं के तहत अस्तित्व में आई थी। यह सरकार पहले चरण में तुर्की और अमेरिकियों के बीच समझौते का नतीजा थी। 

वैश्विक रेज़िस्टेंस स्कॉलर्स के प्रमुख ने कहा कि जबल अलअरब के एक समूह का इजरायल से समर्थन मांगना, जर्माना घटनाओं से पहले, इजरायल की सीरिया में जल्दी दखल को दर्शाता है। इजरायल की तेज दखल, आम तौर पर दमिश्क और खास तौर पर रक्षा मंत्रालय पर बमबारी साफ तौर पर बताती है कि इजरायल का मकसद दरजियों के संरक्षण से कहीं आगे है जैसा कि वह दावा करता है। 

उन्होंने आगे कहा कि इन तत्वों ने सही इस्लामी संस्कृति हासिल नहीं की है इनमें से ज्यादातर वे हैं जो दाइश, जबहत अलनुसरा और अन्य समूहों के फैलाए जहर से पैदा हुए हैं। यह बात दूसरे समूहों पर भी कुछ हद तक सही है इस बड़े खतरे का सामना करते हुए, सब एक शतरंज के मोहरे की तरह बन जाते हैं जिन्हें जायोनी अपने प्रतिक्रिया के जरिए शतरंज की इस बिसात पर चलाते हैं जिसे वह अपनी मर्जी से कंट्रोल करते हैं। 

लेबनानी सुन्नी धार्मिक विद्वान ने कहा कि इजरायल का मकसद, दरजियों के संरक्षण से कहीं आगे है। इसका असली मकसद, खास तौर पर अमेरिकी समर्थकों को एक संदेश देना है और वह संदेश यह है कि इजरायल है जो क्षेत्र के नक्शे को तय करता है और संतुलन बनाता है। 

उन्होंने आगे कहा कि यह बात महत्वपूर्ण नहीं है कि अमेरिका इजरायल के हितों का कितना पाबंद है, इजरायल अपने सहयोगी और समर्थकों सहित अपने हितों के निर्धारण में और ज्यादा बढ़ोतरी के लिए सीरिया को बांटेगा, जैसे कि बेन गुरियन ने इसकी नींव से ही बात की थी और वह दो देशों की ओर इशारा करता है जो इजरायल की सुरक्षा के दावे के संरक्षण के लिए बंटने चाहिए वह सीरिया और इराक हैं। 

शेख़ हमूद ने अंत में कहा कि इस बंटवारे के लिए इस बात की जरूरत है कि दमिश्क में कोई मजबूत केंद्रीय सरकार न हो, इससे कोई फर्क नहीं पड़ता कि इसके रिश्ते क्या हैं। नतीजतन, इजरायल ने यह गुस्ताखी भरे हमले करने की हिम्मत की जो अमेरिका की ख्वाहिशों के खिलाफ हैं।

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